जानिए कार्तिक अमावस्या (दीवाली) पर कैसे करें पितृ दोष निवारण -----
डेस्क (पंडित दयानंद शास्त्री )प्रिय पाठकों/मित्रों,जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो लोग कहते हैं कि 'उसकी आत्मा को शांति मिले'। यह कथन स्पष्ट करता है कि ऐसी भी लाखों आत्माएं हैं जिन्हें शांति नहीं मिलती और जो मरने के बाद भी मोक्ष के लिए भटकती रहती हैं। ये सभी आत्माएं अपने जिंदा उत्तराधिकारियों की पूर्वज होती हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की वैदिक ज्योतिष में उन्हें पितृ कहा जाता है।पूर्वजों के श्रापों के कारण व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी कई दिक्कतें हो सकती हैं। हो सकता है कि यह बीमारियां इतनी गंभीर हो जाएं कि न तो कोई दवा इन पर असर कर पाए और न ही कोई डॉक्टर इनका पता लगा पाए। ये समस्याएं मेडिकल साइंस की समझ से परे की हो जाती हैं।मत्स्यपुराण के अनुसार अगर पग-पग पर जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है तो इसका संकेत है कि आपके घर में पितृ दोष है यानि आपसे आपके पितृ अतृप्त हैं।